परंपरा में निहित और कला के अनगिनत रूपों में फैली, वस्त्र वृक्ष भारतीय हथकरघा की आत्मा है—बुनाई, बनावट और सांस्कृतिक विरासत का एक निरंतर बढ़ता हुआ वृक्ष। यह सर्वसमावेशी संग्रह उपमहाद्वीप के हर कोने से साड़ियों को एक साथ लाता है: कांचीपुरम की समृद्ध रेशमी साड़ियाँ, बंगाल की नाज़ुक मलमल, अलंकृत बनारसी साड़ियाँ, मिट्टी की टसर साड़ियाँ, हवादार कोटाडोरिया साड़ियाँ और बारीक कढ़ाई वाली चिकनकारी।
हर साड़ी इस पेड़ का एक पत्ता है—शिल्प में अद्वितीय, फिर भी भारतीय विरासत के साझा धागे से जुड़ी हुई। चाहे आप भव्यता चाहें या अतिसूक्ष्मवाद, परंपरा चाहें या प्रयोग, वस्त्र वृक्ष भारत की वस्त्र कहानी के माध्यम से एक सुनियोजित यात्रा प्रस्तुत करता है।
एक ही काव्यात्मक छतरी के नीचे, पर्दों की पूरी श्रृंखला का अन्वेषण करें।